Friday, September 8, 2023

सेवानिवृति का आनंद Joy of retirement

 सेवानिवृति का आनंद

Joy  of retirement

 

Translated by

P.R.Ramachander

 



मजा रिटायरमेंट का,

सबसे है अनमोल।

जो भी आपको बोलना,

बोलो, दिल को खोल।।

 

The joy of retirement ,

I most invaluable  than others

Whatever   you want to tell,

Please  tell, please  open your mind

-

सब बंधनों से मुक्त होकर

हो जाते हैं, आजाद।

अपने मन की आप अब,

सब कर सकते हैं बात।।

 

After  getting free from all ties,

WE become  independent

Whatever  that  you want ,

You can  do them  now

 

नहीं तबादले की फिक्र,

अब नहीं फटाफट टूर।🤔

इस किचकिच से सदा को,

हो जाते हैं दूर।।😇

 

There  is no worry  of any transfer

And there  is no urgent tour

From this  forever problems,

We  get very far off

 

-खुले मंच पर बोलिये,

खूब ठोकिये ताल।

बांका हो सकता नहीं,

अब, एक भी बाल।।😇

-

Talk  in any open stage

Clap   as much as you want

There  will be no pain

Even in  our  one  hair

 

बाद रिटायरमेंट के,

जो करते हैं याद,🤔

वे ही सच्चे मित्र हैं,

इस दुनियां में आज।।😇

-

After   retirement

Those   who remember  us

They   are  our true friends

In this   world  as on today

 

नही मांगना किसी से,

कोई भी सी.एल.😢

और नही अब चाहिये,

कोई भी .एल.।।😇

 

You need  not request any one,

For  any casual  leave

And now you also  do not need

Any type of  Earned  leave

-

जी-हजूरी नहीं किसी की,

हुआ टेंशन दूर।🙇🏼

खूब मिल रही हैं पेंशन,

अब चेहरे पर है नूर।।😇

 

WE need not say  “yes sir”  to any one

The  tension   has gone afar

We   do   get   good pension

And in you face  there  is a shine

 

नही किसी का फोन है,

नहीं किसी की डांट।

अपने घर में ही है,

अब अपने ही ठाट।।

 

There  will not be any one’s phone

Nor there  would  be any scolding

WE will  be in our own home

We will  have be our own boss

 

चमचागिरी से मुक्त हैं,

अब हम हैं आजाद।

बदलाबदला सा हुआ है,

जीवन का अंदाज।।

 

WE  get  freedom from flattering

And now   we are  free

Revenge   is like  revenge

And becomes as per our estimate

 

आफिस की चिन्ता नहीं,

नहीं, काम का बोझ।

योगासन-प्राणायाम कर,    

ध्यान लगाते रोज।।

 

There  is no worry  about office

And there  is no burden of work

Do Yogasan  and pranayam

And   do meditation  daily

-

अपना आफिस बन गया,

अब अपना परिवार।

हर दिन अब तो हो गया,

छुट्टी का इतवार।।

 

Now our office ,

Has   become our family,

And no every day,

Has  become Sunday  like holiday

-

श्रीमती के हाथ की,

अदरक वाली चाय।

बैठ साथ में पीजिये,

लीजे चना चबाय।।

-

The   ginger  tea,

Prepared by our wife ,

Sitting together  drink

And no chew slowly  the gram

 

एक साथ घर बैठकर,

करिये हंसी मजाक।

जीवन का असली आनंद है,

60 साल के बाद।।

 

Sitting together  in the home

Do  teasing  with  a smile

The real  joy of life

Is after   60 years

No comments: